गौ ह्त्या बंद करो
मैं कत्लखानो में कसाइयों के सम्मुख ठेल दी जाती हु ! चार दिनों तक मुझे भूखा रखा जाता है ताकि मेरा हिमोग्लोबिन गलकर मांस से चिपक जाए ! फिर मुझे घसीट कर लाया जाता है क्युकी मैं मूर्छित रहती हूँ !
मुझ पर २०० डिग्री सेल्सियस वाष्प में उबलता हुआ पानी डाला जाता है और मैं तड़प उठती हूँ ! हे मेरा दूध पिने वालों मैं तुम्हे याद करती हु मुझे कठोरता से पिता जाता है ताकि मेरा चमड़ा आसानी से उतर जाए !
मेरी दोनों टाँगे बांध कर मुझे उल्टा लटका दिया जाता है फिर मेरे बदन से सारा चमड़ा निकाल लिया जाता है ! सुनो जीवधारियो अभी मैंने प्राण नही त्यागे है मैं कातर निगाहों से देखती हूँ शायद इन कसाइयों के मन में मनुष्यता का जन्म हो ! किन्तु इस समय मुझसे पोषित होने वाला कोई भी मानव मुझे बचाने तक नही आता !मेरे चमड़े की चाहत रखने वाले दुष्ट कसाई मेरी जीवित अवस्था में ही मेरा चमड़ा उतार लेते है और तड़पकर मैं प्राण त्याग देती हूँ !
ए हिन्द देश के लोगो , सुनलो मेरी दर्द कहानी !
क्यों दया धर्म विसराया, क्यों दुनिया हुई वीरानी !!
जब सबको दूध पिलाया , मैं गौ माता कहलाई !
क्या है अपराध हमारा , जो काटे आज कसाई !!
बस भीख प्राण की दे दो,मैं द्वार तिहारे आई !
मैं सबसे निर्बल प्राणी ,मत करो आज मनमानी!!
जब जाऊ कसाई खाने , चाबुक से पीती जाती !
उस उबले जल को तन पर ,मैं सहन नहीं कर पाती !!
जब यंत्र मौत का आता , मेरी रूह तक काँप जाती !
मेरा कोई साथ न देता , यहा सबकी प्रीत पहचानी !!
उस समदृष्टि सृष्टी ने ,क्यूँ हमे मूक बनाया !
न हाथ दिए लड़ने को , हिन्दू भी हुआ पराया !!
कोई मोहन बन जाओ रे ,जिसने मोहे कंठ लगाया !
मैं फ़र्ज़ निभाऊ माँ का,दूँ जग को ममता निशानी!!
मैं माँ बन दूध पिलाती,तुम माँ का मांस बिकाते !
क्यों जननी के चमड़े से , तुम पैसा आज कमाते !!
मेरे बछड़े अन्न उपजाते ,पर तुम सब दया न लाते !
गौ हत्या बंद करो रे , रहने दो वंश निशानी !!
हे हिन्दू वीरों ! आपकी गौ माँ आपकी तरफ अश्रु पूर्ण नयनो से निहार रही है !
- आपकी गौ माँ !
इस पावन और पवित्र भारत भूमि पर ऐसा कोई नहीं है क्या जो धर्म और कानून का पालन कर मेरे प्राण बचाए ! तुम्हारे द्वारा किये गए क्रूरतम अत्याचारों को सहकर भी मैं तुम्हे श्राप नहीं दे सकती ना , क्यों की मैं माँ हु ना ! अच्छा लगे तो कमेंट और शेयर जरुर करें !
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